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अपने भाग्य को करें मुक्त – त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में कालसर्प दोष पूजा के माध्यम से पाएं शांति और प्रगति।
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4.4
संकल्प के समय, पंडित जी 1 भक्त का नाम और गोत्र श्रद्धापूर्वक उच्चारित करेंगे।
विशेष सेवाएँ: आप वस्त्र दान, गौ सेवा या चढ़ावा सेवा जैसी विशेष सेवाओं को अपने नाम से जोड़ सकते हैं।
पूजा और अर्पण का पूरा वीडियो आपके व्हाट्सएप नंबर पर साझा किया जाएगा।
8–10 दिनों के भीतर, आपको प्रसाद, रक्षा सूत्र और अन्य पवित्र वस्तुओं से युक्त दिव्य आशीर्वाद बॉक्स नि:शुल्क Via Veda द्वारा आपके पते पर भेजा जाएगा।
संकल्प के समय, पंडित जी 2 भक्तों के नाम और गोत्र श्रद्धापूर्वक उच्चारित करेंगे।
विशेष सेवाएँ: आप वस्त्र दान, गौ सेवा या चढ़ावा सेवा जैसी विशेष सेवाओं को अपने नाम से जोड़ सकते हैं।
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8–10 दिनों के भीतर, आपको प्रसाद, रक्षा सूत्र और अन्य पवित्र वस्तुओं से युक्त दिव्य आशीर्वाद बॉक्स नि:शुल्क Via Veda द्वारा आपके पते पर भेजा जाएगा।
संकल्प के समय, पंडित जी 6 भक्तों के नाम और गोत्र श्रद्धापूर्वक उच्चारित करेंगे।
विशेष सेवाएँ: आप वस्त्र दान, गौ सेवा या चढ़ावा सेवा जैसी विशेष सेवाओं को अपने नाम से जोड़ सकते हैं।
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8–10 दिनों के भीतर, आपको प्रसाद, रक्षा सूत्र और अन्य पवित्र वस्तुओं से युक्त दिव्य आशीर्वाद बॉक्स नि:शुल्क Via Veda द्वारा आपके पते पर भेजा जाएगा।
संकल्प : पूजा के दौरान, पंडित जी भक्तों का नाम और गोत्र श्रद्धापूर्वक उच्चारित करेंगे।
विशेष सेवाएँ: वस्त्र दान, गौ सेवा या चढ़ावा सेवा जैसी पूज्यनीय सेवाओं का चयन कर अपनी आस्था को और विशेष बनाएं—आपके नाम से संपन्न की जाएगी।
निजी पूजा वीडियो: आपकी पूजा और अर्पण का उच्च गुणवत्ता वाला वीडियो आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
आशीर्वाद बॉक्स: 8–10 दिनों में, दिव्य आशीर्वाद बॉक्स—जिसमें प्रसाद, रक्षा सूत्र और अन्य पवित्र सामग्री होगी—Via Veda द्वारा नि:शुल्क आपके पते पर भेजा जाएगा।
यह शक्तिशाली वैदिक अनुष्ठान राहु और केतु के अशुभ प्रभावों को शांत करता है, जो अक्सर दुर्भाग्य, देरी, मानसिक तनाव, बार-बार असफलता और जीवन में दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। यह पूजा ऐसे नकारात्मक कर्म प्रभावों को दूर करती है, जिससे जीवन सरल और अनुकूल मार्ग पर चलता है।
त्र्यंबकेश्वर में की गई यह पूजा डर, चिंता और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है, जिससे भीतर से शांति और आत्मिक संतुलन की अनुभूति होती है। कई श्रद्धालु पूजा के बाद भावनात्मक रूप से हल्कापन और मानसिक स्थिरता अनुभव करते हैं।
चाहे विवाह में देरी हो, संतान प्राप्ति की बाधा, नौकरी की समस्याएं हों या व्यवसाय में रुकावटें—यह पूजा इन सभी अवरोधों को हटाकर समय पर सफलता और अवसरों को आमंत्रित करती है, जिससे प्रयासों को ब्रह्मांडीय समर्थन मिलता है।
कालसर्प दोष अक्सर पितृ दोष (पूर्वजों के कर्म ऋण) से जुड़ा होता है। यह पूजा दोनों दोषों को एक साथ शांत करती है, जिससे पूर्वजों को शांति और वर्तमान जीवन में विरासत में मिले अवरोधों से मुक्ति मिलती है।
जब यह पूजा त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग जैसे शक्तिपीठ और आध्यात्मिक ऊर्जा केंद्र में की जाती है, तो इसके प्रभाव दीर्घकालिक होते हैं। यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा पूजा के प्रभाव को कई गुना बढ़ा देती है, जिससे गहन शुद्धिकरण और कर्मों की मुक्ति होती है।
यह पूजा दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलती है, समृद्धि, स्पष्टता और नए प्रारंभ को आमंत्रित करती है। यह ऊर्जा क्षेत्र (Aura) को पुनः जागृत करती है, जीवन में नए मार्ग खोलती है और नकारात्मक कर्म चक्र से मुक्ति दिलाकर व्यक्तिगत और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती है।
कालसर्प दोष पूजा एक शक्तिशाली वैदिक अनुष्ठान है, जो राहु और केतु के अशुभ प्रभावों को शांत करने के लिए किया जाता है। यह पूजा विशेष रूप से त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग (भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक), नासिक, महाराष्ट्र में की जाए तो अत्यधिक प्रभावशाली मानी जाती है।
पूजा की शुरुआत भगवान गणेश के आह्वान से होती है, ताकि सभी बाधाएं दूर हो सकें। इसके बाद वरुण देव (जल के देवता) की पूजा की जाती है, जिससे पूजा स्थल और सहभागी शुद्ध और पवित्र हो सकें। फिर पुण्याहवाचन किया जाता है, जो एक वैदिक शुद्धिकरण प्रक्रिया है, जिससे पूरे वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
🔸 षोडश मातृका पूजा (Shodash Matrika Puja):
सोलह देवी शक्तियों की पूजा की जाती है ताकि साधक के जीवन में सुरक्षा, कृपा और सौहार्द बना रहे।
🔸 नाग देवता आराधना (Naag Devata Aradhana):
यह पूजा का प्रमुख भाग होता है, जिसमें राहु, केतु सहित बारह प्रमुख नाग-नागिन देवताओं की पूजा की जाती है। धातु (चांदी या सोने) की मूर्तियों को दूध, पुष्प और मंत्रों से अर्पित कर उनकी कृपा प्राप्त की जाती है।
🔸 भगवान शिव की पूजा (Worship of Lord Shiva):
भगवान शिव को पंचामृत अभिषेक, रुद्रकलश पूजन और नवग्रह पूजा के द्वारा सम्मानित किया जाता है। यह सभी कर्म दोषों को समाप्त करने और ग्रहों की ऊर्जा को संतुलित करने हेतु किया जाता है।
🔸 पवित्र हवन (Sacred Havan):
अग्नि के माध्यम से मंत्रों के साथ देशी घी और जड़ी-बूटियों की आहुति दी जाती है, जिससे नकारात्मक कर्म और दोषों का शमन होता है।
🔸 पूर्णाहुति (Purnahuti):
हवन की अंतिम आहुति पूर्ण श्रद्धा और कृतज्ञता के साथ दी जाती है, जिससे पूजा की समापन प्रक्रिया संपन्न होती है।
🔹 बलिदान (Balidaan):
एक प्रतीकात्मक रक्षा अनुष्ठान जिसमें चावल पर तेल का दीपक रखकर बुरी शक्तियों को दूर करने का संकल्प किया जाता है।
🔹 प्रसाद वितरण (Distribution of Prasad):
श्रद्धालुओं को सूखे मेवे और नारियल प्रसाद रूप में दिए जाते हैं। नारियल केवल परिवार के लोग ही ग्रहण करें, और यदि उसका कोई भाग काला हो तो उसे श्रद्धापूर्वक जल में विसर्जित करें। यह प्रसाद बाहर के लोगों में न बांटा जाए ताकि इसकी आध्यात्मिक ऊर्जा बनी रहे।
पूजा के बाद 11 दिनों तक मांसाहार और शराब से दूर रहना पारंपरिक रूप से अनुशंसित है, ताकि शरीर और मन सात्त्विक (शुद्ध) स्थिति में रहें और पूजा का प्रभाव अधिकतम हो सके।
त्र्यंबक, नासिक जिला, महाराष्ट्र, भारत
भगवान शिव — यहाँ शिवजी की पूजा ज्योतिर्लिंग रूप में होती है।
भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक: त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग शिव पुराण में वर्णित बारह पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो शिवभक्तों के लिए अत्यंत पूजनीय है।
विशेष शिवलिंग स्वरूप: यहाँ का शिवलिंग साधारण नहीं है — इसमें तीन मुख हैं जो ब्रह्मा (सृष्टिकर्ता), विष्णु (पालक), और शिव (संहारक) का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये तीनों मुख प्राकृतिक रूप से बने हैं, जो इसे अन्य सभी ज्योतिर्लिंगों से अद्वितीय बनाते हैं।
गोदावरी नदी का उद्गम: दक्षिण की गंगा कही जाने वाली पवित्र गोदावरी नदी का उद्गम त्र्यंबकेश्वर के पास ब्रह्मगिरि पर्वत से होता है। यह स्थान आध्यात्मिक शुद्धिकरण का स्रोत माना जाता है।
मंदिर हेमाड़पंथी शैली में काले बेसाल्ट पत्थरों से निर्मित है।
मुख्य गर्भगृह को सुंदर पुष्प डिज़ाइनों और देवताओं की नक्काशी से सजाया गया है।
वर्तमान मंदिर संरचना का निर्माण 18वीं सदी में पेशवा बाजीराव बालाजी द्वारा कराया गया था।
त्र्यंबकेश्वर अनेक महत्वपूर्ण हिंदू धार्मिक अनुष्ठानों का प्रमुख केंद्र है:
कालसर्प दोष निवारण पूजा
नारायण नागबली पूजा
त्रिपिंडी श्राद्ध
मुण्डन संस्कार (बच्चे का पहला मुंडन)
पितृ दोष निवारण और पूर्वजों की शांति हेतु पूजा
ऐसा माना जाता है कि यहाँ किए गए ये अनुष्ठान पितृदोष और ग्रह दोषों से मुक्ति दिलाते हैं।
महाशिवरात्रि – रात्रि भर भक्ति और शिव पूजा के साथ मनाया जाता है।
कुंभ मेला – हर 12 वर्ष में नासिक-त्र्यंबक में आयोजित होता है; लाखों श्रद्धालु आते हैं।
श्रावण मास – पूरा महीना शिव भक्ति के लिए पवित्र माना जाता है; विशेष पूजा होती है।
सड़क मार्ग से: नासिक से 28 किमी, बस और टैक्सी की अच्छी सुविधा।
रेल मार्ग से: निकटतम रेलवे स्टेशन – नासिक रोड (30 किमी)
हवाई मार्ग से: निकटतम एयरपोर्ट – ओझर एयरपोर्ट, नासिक (~35 किमी) या मुंबई एयरपोर्ट (~180 किमी)
श्रद्धालु कुशावर्त कुंड में पवित्र स्नान करते हैं, जो पापों से मुक्ति का प्रतीक माना जाता है।
ब्रह्मगिरि पर्वत की शांत वातावरण और मंदिर की दिव्यता आध्यात्मिक ऊर्जा और आंतरिक शांति प्रदान करती है।
Via Veda एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो आपको धार्मिक सेवाओं का लाभ उठाने का अवसर देता है। इसके माध्यम से आप गौसेवा, चढ़ावा सेवा, अन्नदान, और मंदिरों के पुनर्निर्माण में योगदान दे सकते हैं। साथ ही, आप अनुभवी ज्योतिषियों से परामर्श कर कुंडली, अंक ज्योतिष और वास्तु जैसी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
पूजा के दिन मानसिक और शारीरिक शुद्धता का ध्यान रखें, ब्रह्मचर्य का पालन करें और इष्टदेव का स्मरण करें। पूजा की प्रक्रिया के बारे में आपको पहले से सूचित किया जाएगा, और पूजा के बाद इसका रिकॉर्डेड वीडियो आपको भेजा जाएगा।
यदि आपको पूजा से संबंधित अधिक जानकारी चाहिए, तो आप Via Veda के कस्टमर सपोर्ट नंबर +91 9667633379 पर संपर्क कर सकते हैं। हमारी टीम आपकी हर संभव सहायता के लिए तत्पर है।
Via Veda एक भरोसेमंद मंच है जो आपको घर बैठे पूजा करने का अवसर प्रदान करता है। आपकी पूजा बुकिंग के बाद, योग्य पुजारियों द्वारा शुभ मुहूर्त में अनुष्ठान संपन्न किया जाता है। इसके बाद, आपके दिए गए पते पर प्रसाद और पुजारी जी द्वारा आपके नाम और गोत्र से की गई पूजा का वीडियो आपके रजिस्टर्ड व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
पूजा बुक होने के बाद, हमारी टीम 24 घंटों के अंदर आपसे संपर्क करेगी और आपका नाम, गोत्र आदि की जानकारी लेगी। आप टीम से पूजा से जुड़ी अन्य जानकारियाँ भी प्राप्त कर सकते हैं।
ऑफलाइन और ऑनलाइन पूजा की प्रक्रिया में ज्यादा अंतर नहीं है। दोनों में ही पुजारी आपके नाम और गोत्र से अनुष्ठान करते हैं। अंतर यह है कि ऑफलाइन पूजा में आपको स्वयं मंदिर जाना पड़ता है, जबकि ऑनलाइन पूजा में आप घर बैठे यह सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। पूजा का रिकॉर्डेड वीडियो आपको बाद में भेज दिया जाएगा।
हाँ, Via Veda द्वारा करवाई गई पूजा के बाद आपको उसका रिकॉर्डेड वीडियो आपके दिए गए व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
चढ़ावा सेवा में आप भारत के प्राचीन मंदिरो, शक्तिपीठो में अपने नाम से चढ़ावा/ श्रृंगार/ भोग आदि अर्पित कर सकते है।