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पूजा और प्रसाद वितरण
मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए श्री दुर्गा सप्तशती पाठ करवाएं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें ।
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प्रसाद वितरण(* केवल भारत में उपलब्ध है)
4.7
नवरात्रि में किया गया पूजन आपकी इच्छाओं की पूर्ति में सहायक होता है। माँ दुर्गा की कृपा से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं, और अधूरे कार्य पूर्ण होने लगते हैं। जब श्रद्धा और भक्ति से माता की आराधना की जाती है, तो उनकी कृपा से हर मनोकामना सिद्ध होती है।
नवरात्रि में विशेष पूजा करने से जीवन में आने वाली नकारात्मक शक्तियों और बाधाओं का नाश होता है। माँ दुर्गा की उपासना से बुरी नजर, दुर्भाग्य और असफलताओं से रक्षा मिलती है। यह पूजा आपके जीवन में सुरक्षा और आत्मविश्वास की भावना को मजबूत करती है।
नवरात्रि में माता की पूजा करने से घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि का संचार होता है। यह पूजा न केवल मानसिक शांति प्रदान करती है बल्कि पूरे परिवार में प्रेम, सामंजस्य और सौभाग्य को भी बढ़ाती है। माँ की कृपा से जीवन में नया उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
शक्ति उपासना का महाशक्ति स्रोत
श्री दुर्गा सप्तशती शक्ति उपासना का सबसे प्रभावशाली ग्रंथ माना जाता है। यह मार्कण्डेय पुराण का हिस्सा है और इसमें कुल 700 श्लोक हैं, जो तीन भागों में विभाजित हैं:
पूजा की विधि: वैदिक परंपराओं का अनुसरण
संकल्प और मंत्रोच्चार
पूजा की शुरुआत भक्त के नाम और गोत्र के साथ संकल्प लेकर की जाती है। यह संकल्प देवी दुर्गा के प्रति भक्त का समर्पण और उनकी कृपा का आह्वान है। वैदिक मंत्रों के उच्चारण से वातावरण शुद्ध होता है और देवी की शक्ति सुदृढ़ होती है।
विशेष सामग्री का उपयोग
पूजा में देवी दुर्गा के प्रिय पुष्प, लाल चंदन, कुमकुम, अक्षत, नारियल, और दुग्ध का उपयोग किया जाता है। यह सामग्री देवी को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त करने में सहायक होती है।
पूजा का व्यक्तिगत अनुभव
पूजा के दौरान पंडित जी भक्त के नाम और गोत्र का संकल्प लेकर विशेष प्रार्थना करते हैं। यह अनुष्ठान व्यक्तिगत रूप से हर भक्त के लिए किया जाता है। भक्त को देवी की कृपा का अनुभव कराने के लिए पूजा की प्रक्रिया का वीडियो भेजा जाता है।
पवित्र प्रसाद का महत्व
पूजा समाप्त होने के बाद पवित्र प्रसाद भक्त के पते पर भेजा जाता है। यह प्रसाद देवी दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद का प्रतीक है। प्रसाद को अपने घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
हरिद्वार स्थित माया देवी मंदिर: जहां शक्ति, भक्ति और सिद्धि एक साथ विराजती हैं
हरिद्वार, जिसे गंगा की गोद और अध्यात्म की नगरी कहा जाता है, अपने आप में एक दिव्यता समेटे हुए है। इस पवित्र भूमि पर स्थित माया देवी मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक दिव्य शक्ति केंद्र है, जहां श्रद्धालु अपनी हर मनोकामना की पूर्ति के लिए आते हैं। यह मंदिर देवी माया के संपूर्ण विग्रह को समर्पित है, जो इसे अन्य शक्ति पीठों से अलग बनाता है।
माना जाता है कि जहां अन्य शक्ति पीठों में माता के किसी अंग विशेष की पूजा की जाती है, वहीं माया देवी मंदिर में माता का संपूर्ण रूप पूजनीय है। यही कारण है कि यह स्थान शक्ति उपासकों के लिए विशेष महत्व रखता है। यहां आते ही एक अनोखी ऊर्जा महसूस होती है, जो भक्तों को मानसिक शांति, आत्मबल और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करती है।
यह मंदिर प्राचीन काल से शक्ति उपासकों के लिए आस्था का केंद्र रहा है। देवी माया, जो त्रिदेवियों – महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती का संयुक्त स्वरूप मानी जाती हैं, अपने भक्तों की हर बाधा का नाश कर जीवन को सुख, समृद्धि और शांति से भर देती हैं। कहा जाता है कि सच्चे मन से माता की आराधना करने पर भक्तों को किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा, शत्रु बाधा और जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है।
माया देवी मंदिर की वास्तुकला और वातावरण इसे और भी विशेष बनाते हैं। जब आप इस पवित्र स्थान पर कदम रखते हैं, तो मंदिर की घंटियों की गूंज, वैदिक मंत्रों का उच्चारण और भक्तों की श्रद्धा से भरी प्रार्थनाएं एक दिव्य अनुभूति कराती हैं। यहां हर कोई माता की कृपा को प्रत्यक्ष रूप से महसूस कर सकता है।
इस मंदिर का महत्व सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह शक्ति पीठ उन 51 प्रमुख स्थलों में से एक है, जहां माता सती के अंग गिरे थे। यह स्थान अनगिनत भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक ऊर्जा केंद्र बन चुका है, जहां हर दर्शन एक नई शक्ति और सकारात्मकता से भर देता है।
यदि आप जीवन में किसी कठिनाई का सामना कर रहे हैं, मानसिक शांति की तलाश में हैं, या माता की कृपा से अपनी इच्छाओं की पूर्ति चाहते हैं, तो माया देवी मंदिर आपके लिए सबसे उपयुक्त स्थान है। यह केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि एक ऐसा दरबार है, जहां श्रद्धा रखने वाले खाली हाथ नहीं लौटते।
हरिद्वार का यह दिव्य स्थल न केवल एक आस्था का केंद्र है, बल्कि आत्मा को जागृत करने का स्थान भी है। यहां हर पत्थर, हर घंटी की गूंज, और हर भक्त की प्रार्थना आपको इस बात का एहसास कराएगी कि देवी माया की कृपा से कुछ भी असंभव नहीं। यह मंदिर आपकी हर बाधा का अंत और आपकी सफलता की शुरुआत है।
Via Veda एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो आपको धार्मिक सेवाओं का लाभ उठाने का अवसर देता है। इसके माध्यम से आप गौसेवा, चढ़ावा सेवा, अन्नदान, और मंदिरों के पुनर्निर्माण में योगदान दे सकते हैं। साथ ही, आप अनुभवी ज्योतिषियों से परामर्श कर कुंडली, अंक ज्योतिष और वास्तु जैसी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
पूजा के दिन मानसिक और शारीरिक शुद्धता का ध्यान रखें, ब्रह्मचर्य का पालन करें और इष्टदेव का स्मरण करें। पूजा की प्रक्रिया के बारे में आपको पहले से सूचित किया जाएगा, और पूजा के बाद इसका रिकॉर्डेड वीडियो आपको भेजा जाएगा।
यदि आपको पूजा से संबंधित अधिक जानकारी चाहिए, तो आप Via Veda के कस्टमर सपोर्ट नंबर +91 96676 33379 पर संपर्क कर सकते हैं। हमारी टीम आपकी हर संभव सहायता के लिए तत्पर है।
Via Veda एक भरोसेमंद मंच है जो आपको घर बैठे पूजा करने का अवसर प्रदान करता है। आपकी पूजा बुकिंग के बाद, योग्य पुजारियों द्वारा शुभ मुहूर्त में अनुष्ठान संपन्न किया जाता है। इसके बाद, आपके दिए गए पते पर प्रसाद और पुजारी जी द्वारा आपके नाम और गोत्र से की गई पूजा का वीडियो आपके रजिस्टर्ड व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
पूजा बुक होने के बाद, हमारी टीम 24 घंटों के अंदर आपसे संपर्क करेगी और आपका नाम, गोत्र आदि की जानकारी लेगी। आप टीम से पूजा से जुड़ी अन्य जानकारियाँ भी प्राप्त कर सकते हैं।
ऑफलाइन और ऑनलाइन पूजा की प्रक्रिया में ज्यादा अंतर नहीं है। दोनों में ही पुजारी आपके नाम और गोत्र से अनुष्ठान करते हैं। अंतर यह है कि ऑफलाइन पूजा में आपको स्वयं मंदिर जाना पड़ता है, जबकि ऑनलाइन पूजा में आप घर बैठे यह सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। पूजा का रिकॉर्डेड वीडियो आपको बाद में भेज दिया जाएगा।
हाँ, Via Veda द्वारा करवाई गई पूजा के बाद आपको उसका रिकॉर्डेड वीडियो आपके दिए गए व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
चढ़ावा सेवा में आप भारत के प्राचीन मंदिरो, शक्तिपीठो में अपने नाम से चढ़ावा/ श्रृंगार/ भोग आदि अर्पित कर सकते है।