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पूजा और प्रसाद वितरण
काशी से गोकर्ण तक – पितृ शांति और मोक्ष का दिव्य मार्ग। अपनों को शांति, परिवार को आशीर्वाद – पवित्र पितृ पूजा।
प्रसाद वितरण(* केवल भारत में उपलब्ध है)
4.8
संकल्प के समय, पंडित जी 1 भक्त का नाम और गोत्र श्रद्धापूर्वक उच्चारित करेंगे।
विशेष सेवाएँ: आप वस्त्र दान, गौ सेवा या चढ़ावा सेवा जैसी विशेष सेवाओं को अपने नाम से जोड़ सकते हैं।
पूजा और अर्पण का पूरा वीडियो आपके व्हाट्सएप नंबर पर साझा किया जाएगा।
8–10 दिनों के भीतर, आपको प्रसाद, रक्षा सूत्र और अन्य पवित्र वस्तुओं से युक्त दिव्य आशीर्वाद बॉक्स नि:शुल्क Via Veda द्वारा आपके पते पर भेजा जाएगा।
संकल्प के समय, पंडित जी 2 भक्तों के नाम और गोत्र श्रद्धापूर्वक उच्चारित करेंगे।
विशेष सेवाएँ: आप वस्त्र दान, गौ सेवा या चढ़ावा सेवा जैसी विशेष सेवाओं को अपने नाम से जोड़ सकते हैं।
पूजा और अर्पण का पूरा वीडियो आपके व्हाट्सएप नंबर पर साझा किया जाएगा।
8–10 दिनों के भीतर, आपको प्रसाद, रक्षा सूत्र और अन्य पवित्र वस्तुओं से युक्त दिव्य आशीर्वाद बॉक्स नि:शुल्क Via Veda द्वारा आपके पते पर भेजा जाएगा।
संकल्प के समय, पंडित जी 6 भक्तों के नाम और गोत्र श्रद्धापूर्वक उच्चारित करेंगे।
विशेष सेवाएँ: आप वस्त्र दान, गौ सेवा या चढ़ावा सेवा जैसी विशेष सेवाओं को अपने नाम से जोड़ सकते हैं।
पूजा और अर्पण का पूरा वीडियो आपके व्हाट्सएप नंबर पर साझा किया जाएगा।
8–10 दिनों के भीतर, आपको प्रसाद, रक्षा सूत्र और अन्य पवित्र वस्तुओं से युक्त दिव्य आशीर्वाद बॉक्स नि:शुल्क Via Veda द्वारा आपके पते पर भेजा जाएगा।
संकल्प : पूजा के दौरान, पंडित जी भक्तों का नाम और गोत्र श्रद्धापूर्वक उच्चारित करेंगे।
विशेष सेवाएँ: वस्त्र दान, गौ सेवा या चढ़ावा सेवा जैसी पूज्यनीय सेवाओं का चयन कर अपनी आस्था को और विशेष बनाएं—आपके नाम से संपन्न की जाएगी।
निजी पूजा वीडियो: आपकी पूजा और अर्पण का उच्च गुणवत्ता वाला वीडियो आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
आशीर्वाद बॉक्स: 8–10 दिनों में, दिव्य आशीर्वाद बॉक्स—जिसमें प्रसाद, रक्षा सूत्र और अन्य पवित्र सामग्री होगी—Via Veda द्वारा नि:शुल्क आपके पते पर भेजा जाएगा।
यह पूजा दिवंगत आत्माओं को शांति और जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति दिलाने में सहायक है।
काशी में स्वयं भगवान शिव पवित्र तारक मंत्र प्रदान कर मोक्ष देते हैं।
यह अनुष्ठान पितरों से जुड़े कर्मिक असंतुलन को दूर करता है जो जीवन में बाधाएँ उत्पन्न करते हैं।
काशी और गोकर्ण में किया गया यह पूजन जीवन में सुख-समृद्धि और संतुलन लाता है।
पूर्वजों द्वारा अधूरी छोड़ी गई श्राद्ध, दान या यज्ञ जैसी धार्मिक क्रियाओं को पूर्ण करता है।
यह उनके आध्यात्मिक उत्थान और परिवार की शांति को सुनिश्चित करता है।
पितृ देवताओं को प्रसन्न करने से उनका संरक्षण, मार्गदर्शन और समृद्धि प्राप्त होती है।
उनका आशीर्वाद परिवार को स्वास्थ्य, एकता और खुशहाली प्रदान करता है।
पवित्र यज्ञ नकारात्मक पितृ कर्मों को जला कर समाप्त करता है।
यह वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को बोझ से मुक्त कर सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है।
काशी गोकर्ण अमावस्या पितृ शांति पूजा एक पवित्र वैदिक अनुष्ठान है, जो अपने पूर्वजों (पितृ देवताओं) की शांति, मोक्ष और आशीर्वाद के लिए श्राद्ध और तर्पण अर्पित करने हेतु किया जाता है।
काशी (वाराणसी) – जिसे महाश्मशान कहा जाता है, मान्यता है कि यहाँ पितृ संबंधित अनुष्ठान करने से पूर्वजों को मोक्ष प्राप्त होता है।
गोकर्ण – कर्नाटक का एक पवित्र स्थान, जो पितृ कर्म के लिए अत्यंत प्रसिद्ध है और जहाँ ब्रह्म हत्या दोष सहित गहरे पितृ ऋणों का भी निवारण होता है।
अमावस्या (अमावस्या तिथि) – पूर्वजों से जुड़ने और श्राद्ध करने का सबसे शक्तिशाली दिन माना जाता है, क्योंकि इस दिन पितृ लोक पृथ्वी के सबसे निकट माना जाता है।
पूर्वजों को शांति और मोक्ष प्रदान करना।
परिवार को प्रभावित करने वाले पितृ दोष (कर्मिक असंतुलन) का निवारण करना।
स्वास्थ्य, समृद्धि और सुरक्षा के लिए पितृ देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करना।
विवाह, संतान प्राप्ति और करियर में आने वाली बाधाओं को दूर करना।
संकल्प – पंडित जी श्रद्धालु की ओर से पूजा का संकल्प लेते हैं।
पिंड दान – चावल, तिल, जौ और घी से बने पिंड अर्पित कर पितरों को प्रतीकात्मक भोजन अर्पण किया जाता है।
तर्पण – काले तिल, जौ और पुष्प मिले जल से पितृ मंत्रों का उच्चारण करते हुए अर्पण।
पितृ शांति यज्ञ – पवित्र अग्नि में आहुति देकर पितृ देवताओं को प्रसन्न करना और पूर्वजों के ऋण व दोष का शमन।
ब्राह्मण भोजन एवं दक्षिणा – ब्राह्मणों को भोजन व दक्षिणा देकर अनुष्ठान की पूर्णता।
पूर्वजों को मोक्ष – उन्हें जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है।
पितृ दोष निवारण – जन्म कुंडली में पितृ दोष के अशुभ प्रभाव को संतुलित करता है।
सुरक्षा का आशीर्वाद – परिवार को दुर्घटनाओं, बीमारियों और अनिष्ट से बचाता है।
सुख-समृद्धि और सद्भाव – जीवन में शांति, स्वास्थ्य और प्रचुरता लाता है।
कर्मिक शुद्धि – पूर्वजों के ऋण और नकारात्मक कर्मों से मुक्ति दिलाता है।
अमावस्या वह तिथि है जब चंद्रमा का प्रकाश नहीं होता, जो अदृश्य लोकों से गहरे आध्यात्मिक संबंध का प्रतीक है।
मान्यता है कि इस दिन पूर्वज श्राद्ध और यज्ञ के माध्यम से की गई अर्पण को सबसे अधिक स्वीकार करते हैं।
वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसे ब्रह्मांड का आध्यात्मिक केंद्र माना जाता है।
मान्यता है कि काशी में पितृ कार्य (पूर्वजों के धार्मिक अनुष्ठान) करने से दिवंगत आत्माओं को मोक्ष प्राप्त होता है।
पवित्र गंगा तट पर स्थित यह मंदिर इस बात का प्रतीक है कि यहाँ की गई अर्पण और पूजा अत्यंत आध्यात्मिक प्रभाव वाली होती है।
शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव स्वयं काशी में देह त्यागने वाले भक्तों के कान में तारक मंत्र का उच्चारण करते हैं, जिससे उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है।
कर्नाटक स्थित गोकर्ण महाबलेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें यहाँ महाबलेश्वर के नाम से जाना जाता है – जो अपार दिव्य शक्ति के स्वामी हैं।
काशी के बाद यह पितृ तर्पण और पिंड दान के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है।
पुराणों के अनुसार, यहाँ किए गए अनुष्ठान सबसे गंभीर पापों और पितृ ऋण (Pitru Rina) को भी समाप्त कर देते हैं।
मंदिर में स्थित आत्म लिंग को भगवान शिव ने स्वयं रावण को प्रदान किया था, ऐसी मान्यता है।
अनेक श्रद्धालु पितृ शांति पूजा काशी और गोकर्ण दोनों स्थानों पर कराना पसंद करते हैं क्योंकि –
काशी आत्मा के मोक्ष को सुनिश्चित करता है।
गोकर्ण क्षमा और गहरे पितृ ऋणों के निवारण को सुनिश्चित करता है।
दोनों मिलकर पूर्ण पितृ मुक्ति प्रदान करते हैं – अर्थात पूर्वजों से पूर्ण आशीर्वाद और मुक्ति।
Via Veda एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो आपको धार्मिक सेवाओं का लाभ उठाने का अवसर देता है। इसके माध्यम से आप गौसेवा, अन्नदान, और मंदिरों के पुनर्निर्माण में योगदान दे सकते हैं। साथ ही, आप अनुभवी ज्योतिषियों से परामर्श कर कुंडली, अंक ज्योतिष और वास्तु जैसी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
पूजा के दिन मानसिक और शारीरिक शुद्धता का ध्यान रखें, ब्रह्मचर्य का पालन करें और इष्टदेव का स्मरण करें। पूजा की प्रक्रिया के बारे में आपको पहले से सूचित किया जाएगा, और पूजा के बाद इसका रिकॉर्डेड वीडियो आपको भेजा जाएगा।
यदि आपको पूजा से संबंधित अधिक जानकारी चाहिए, तो आप Via Veda के कस्टमर सपोर्ट नंबर +91 96676 33379 पर संपर्क कर सकते हैं। हमारी टीम आपकी हर संभव सहायता के लिए तत्पर है।
Via Veda एक भरोसेमंद मंच है जो आपको घर बैठे पूजा करने का अवसर प्रदान करता है। आपकी पूजा बुकिंग के बाद, योग्य पुजारियों द्वारा शुभ मुहूर्त में अनुष्ठान संपन्न किया जाता है। इसके बाद, आपके दिए गए पते पर प्रसाद और पुजारी जी द्वारा आपके नाम और गोत्र से की गई पूजा का वीडियो आपके रजिस्टर्ड व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
पूजा बुक होने के बाद, हमारी टीम 24 घंटों के अंदर आपसे संपर्क करेगी और आपका नाम, गोत्र आदि की जानकारी लेगी। आप टीम से पूजा से जुड़ी अन्य जानकारियाँ भी प्राप्त कर सकते हैं।
ऑफलाइन और ऑनलाइन पूजा की प्रक्रिया में ज्यादा अंतर नहीं है। दोनों में ही पुजारी आपके नाम और गोत्र से अनुष्ठान करते हैं। अंतर यह है कि ऑफलाइन पूजा में आपको स्वयं मंदिर जाना पड़ता है, जबकि ऑनलाइन पूजा में आप घर बैठे यह सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। पूजा का रिकॉर्डेड वीडियो आपको बाद में भेज दिया जाएगा।
हाँ, Via Veda द्वारा करवाई गई पूजा के बाद आपको उसका रिकॉर्डेड वीडियो आपके दिए गए व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
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