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पूजा और प्रसाद वितरण
रुद्राभिषेक पूजन से प्राप्त करें शिव कृपा, आत्मा की शुद्धि, मानसिक शांति और मोक्ष का मार्ग ।
प्रसाद वितरण
संकल्प के समय, पंडित जी 1 भक्त का नाम और गोत्र श्रद्धापूर्वक उच्चारित करेंगे।
विशेष सेवाएँ: आप वस्त्र दान, गौ सेवा या चढ़ावा सेवा जैसी विशेष सेवाओं को अपने नाम से जोड़ सकते हैं।
पूजा और अर्पण का पूरा वीडियो आपके व्हाट्सएप नंबर पर साझा किया जाएगा।
8–10 दिनों के भीतर, आपको प्रसाद, रक्षा सूत्र और अन्य पवित्र वस्तुओं से युक्त दिव्य आशीर्वाद बॉक्स नि:शुल्क Via Veda द्वारा आपके पते पर भेजा जाएगा।
संकल्प के समय, पंडित जी 2 भक्तों के नाम और गोत्र श्रद्धापूर्वक उच्चारित करेंगे।
विशेष सेवाएँ: आप वस्त्र दान, गौ सेवा या चढ़ावा सेवा जैसी विशेष सेवाओं को अपने नाम से जोड़ सकते हैं।
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8–10 दिनों के भीतर, आपको प्रसाद, रक्षा सूत्र और अन्य पवित्र वस्तुओं से युक्त दिव्य आशीर्वाद बॉक्स नि:शुल्क Via Veda द्वारा आपके पते पर भेजा जाएगा।
संकल्प के समय, पंडित जी 6 भक्तों के नाम और गोत्र श्रद्धापूर्वक उच्चारित करेंगे।
विशेष सेवाएँ: आप वस्त्र दान, गौ सेवा या चढ़ावा सेवा जैसी विशेष सेवाओं को अपने नाम से जोड़ सकते हैं।
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8–10 दिनों के भीतर, आपको प्रसाद, रक्षा सूत्र और अन्य पवित्र वस्तुओं से युक्त दिव्य आशीर्वाद बॉक्स नि:शुल्क Via Veda द्वारा आपके पते पर भेजा जाएगा।
संकल्प : पूजा के दौरान, पंडित जी भक्तों का नाम और गोत्र श्रद्धापूर्वक उच्चारित करेंगे।
विशेष सेवाएँ: वस्त्र दान, गौ सेवा या चढ़ावा सेवा जैसी पूज्यनीय सेवाओं का चयन कर अपनी आस्था को और विशेष बनाएं—आपके नाम से संपन्न की जाएगी।
निजी पूजा वीडियो: आपकी पूजा और अर्पण का उच्च गुणवत्ता वाला वीडियो आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
आशीर्वाद बॉक्स: 8–10 दिनों में, दिव्य आशीर्वाद बॉक्स—जिसमें प्रसाद, रक्षा सूत्र और अन्य पवित्र सामग्री होगी—Via Veda द्वारा नि:शुल्क आपके पते पर भेजा जाएगा।
केदारनाथ में पूजा करने से पिछले जन्मों के संचित पाप और नकारात्मक कर्म समाप्त होते हैं।
केदारनाथ को मोक्ष स्थल माना जाता है – जहाँ सच्ची भक्ति से आत्मा को मुक्ति प्राप्त होती है।
भक्तों का विश्वास है कि केदारनाथ में की गई सच्ची प्रार्थनाएं और भेंटें भोलेनाथ कभी अस्वीकार नहीं करते।
यहां पूजा करने से उत्तम स्वास्थ्य, जीवन की बाधाओं से मुक्ति और अनहोनी से रक्षा मिलती है।
केदारनाथ में पूजा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार की वंश परंपरा को बल मिलता है।
केदारनाथ की आध्यात्मिक ऊर्जा अद्वितीय है – जो भीतर से शांति प्रदान करती है और भगवान से गहरा संबंध स्थापित करती है।
रुद्राभिषेक भगवान शिव की पूजा का एक अत्यंत शक्तिशाली और श्रद्धा से पूरित रूप है, जो विशेष रूप से उनके रौद्र और करुणामय स्वरूप “रुद्र” को समर्पित है। इस पवित्र अनुष्ठान में शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है – जल, दूध, शहद, दही, घी, शक्कर और विशेष रूप से बिल्व पत्र अर्पित करते हुए, यजुर्वेद के रुद्र सूक्त के वैदिक मंत्रों का जाप किया जाता है।
नकारात्मक कर्मों और पिछले जन्मों के दोषों की शुद्धि करता है।
मन की शांति और भावनात्मक संतुलन प्रदान करता है।
रोग, शत्रु और विघ्नों से रक्षा करता है।
सफलता, समृद्धि और पारिवारिक सुख देता है।
आत्मा की जागृति में सहायक और आध्यात्मिक यात्रा को गहराई प्रदान करता है।
सोमवार (सोमवार व्रत)
शिवरात्रि (विशेषकर महाशिवरात्रि)
अमावस्या (नई चंद्र रात)
श्रावण मास में किसी भी दिन
सोमवती अमावस्या (जब अमावस्या सोमवार को हो)
यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है – शिव के सबसे पवित्र और पूजनीय स्थानों में गिना जाता है।
चारधाम यात्रा और पंच केदार तीर्थ यात्रा का अहम हिस्सा है।
माना जाता है कि यह मंदिर महाभारत युद्ध के बाद पांडवों द्वारा भगवान शिव से क्षमा याचना के लिए स्थापित किया गया था।
वर्तमान मंदिर आदि शंकराचार्य द्वारा 8वीं शताब्दी में पुनर्निर्मित किया गया था और इसे लगभग 1,200 वर्ष पुराना माना जाता है।
मूल ढांचा द्वापर युग का माना जाता है, जब पांडवों ने भगवान शिव की आराधना हेतु यह मंदिर बनवाया था।
यह मंदिर विशाल पत्थरों से बिना किसी गारे (सीमेंट) के बनाया गया है।
उत्तर भारत की हिमालयी पत्थर शैली में निर्मित है।
गर्भगृह में एक शंकु आकार का शिवलिंग स्थापित है।
यह मंदिर कठोर मौसम और प्राकृतिक आपदाओं को सहन करने के लिए बनाया गया है।
जून 2013 की भीषण बाढ़ में मंदिर का अधिकांश क्षेत्र क्षतिग्रस्त हो गया था, लेकिन मंदिर चमत्कारिक रूप से सुरक्षित रहा।
मंदिर के पीछे स्थित एक विशाल शिला (अब ‘भीम शिला’ के नाम से प्रसिद्ध) ने बाढ़ की धारा को मोड़ दिया, जिससे गर्भगृह की रक्षा हुई।
हर साल अप्रैल/मई से नवंबर तक ही दर्शन संभव होते हैं, क्योंकि इसके बाद बर्फबारी के कारण रास्ते बंद हो जाते हैं।
यात्रियों को गौरीकुंड से 16–18 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है (या हेलीकॉप्टर सेवा का उपयोग कर सकते हैं)।
सर्दियों में, भगवान की प्रतिमा को ऊखीमठ ले जाया जाता है, जहां 6 महीने तक पूजा की जाती है।
भगवान शिव, पांडवों से बचने के लिए बैल (नंदी) का रूप धारण कर भूमिगत हो गए।
उनका कुबड़ (पीठ का भाग) केदारनाथ में प्रकट हुआ, और शरीर के अन्य अंग पंच केदार में प्रकट हुए:
तुंगनाथ – भुजाएं
रुद्रनाथ – मुख
मध्यमहेश्वर – नाभि
कल्पेश्वर – जटाएं
यहाँ मोबाइल नेटवर्क बहुत सीमित है – यह स्थान आत्मचिंतन और आध्यात्मिकता के लिए उपयुक्त है।
मंदिर तक कोई वाहन नहीं जाता, इसलिए वातावरण शांत और पवित्र बना रहता है।
पास में भैरवनाथ जी का एक छोटा मंदिर भी स्थित है, जो इस क्षेत्र के रक्षक देवता माने जाते हैं।
यदि आपको पूजा से संबंधित अधिक जानकारी चाहिए, तो आप Via Veda के कस्टमर सपोर्ट नंबर +91 98109 86076 पर संपर्क कर सकते हैं। हमारी टीम आपकी हर संभव सहायता के लिए तत्पर है।
Via Veda एक भरोसेमंद मंच है जो आपको घर बैठे पूजा करने का अवसर प्रदान करता है। आपकी पूजा बुकिंग के बाद, योग्य पुजारियों द्वारा शुभ मुहूर्त में अनुष्ठान संपन्न किया जाता है। इसके बाद, आपके दिए गए पते पर प्रसाद और पुजारी जी द्वारा आपके नाम और गोत्र से की गई पूजा का वीडियो आपके रजिस्टर्ड व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
पूजा बुक होने के बाद, हमारी टीम 24 घंटों के अंदर आपसे संपर्क करेगी और आपका नाम, गोत्र आदि की जानकारी लेगी। आप टीम से पूजा से जुड़ी अन्य जानकारियाँ भी प्राप्त कर सकते हैं।
ऑफलाइन और ऑनलाइन पूजा की प्रक्रिया में ज्यादा अंतर नहीं है। दोनों में ही पुजारी आपके नाम और गोत्र से अनुष्ठान करते हैं। अंतर यह है कि ऑफलाइन पूजा में आपको स्वयं मंदिर जाना पड़ता है, जबकि ऑनलाइन पूजा में आप घर बैठे यह सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। पूजा का रिकॉर्डेड वीडियो आपको बाद में भेज दिया जाएगा।
चढ़ावा सेवा में आप भारत के प्राचीन मंदिरो, शक्तिपीठो में अपने नाम से चढ़ावा/ श्रृंगार/ भोग आदि अर्पित कर सकते है।