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श्री रामलला का दुग्ध अभिषेक – समर्पण और भक्ति का दिव्य अनुष्ठान ।
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प्रसाद वितरण(* केवल भारत में उपलब्ध है)
4.7
भगवान श्रीराम की कृपा से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियाँ समाप्त होती हैं।
श्रीराम की कृपा से कार्यों में सफलता मिलती है।
घर में शुभता, प्रेम और आनंद बना रहता है।
जो भक्त सच्चे मन से श्रीराम की आराधना करते हैं, उनकी सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं।
यह अभिषेक विशेष रूप से ग्रह दोषों और शनि पीड़ा से राहत प्रदान करता है।
इस पूजा से आत्मा शुद्ध होती है और भगवान श्रीराम के चरणों में आत्मसमर्पण की भावना उत्पन्न होती है।
श्री राम लला दुग्ध अभिषेक एक अत्यंत पवित्र और दिव्य पूजा है, जिसमें भगवान श्रीराम को शुद्ध गौ-दुग्ध (गाय के दूध) से स्नान कराया जाता है। यह पूजा भक्ति, शुद्धता और समर्पण का प्रतीक है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्रीराम को गौ-दुग्ध अर्पित करने से जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं, मनोकामनाएँ पूरी होती हैं, और घर में सुख-समृद्धि आती है।
राम नवमी भगवान श्रीराम के जन्म का उत्सव है, जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। यह केवल एक पर्व नहीं है, बल्कि धर्म, न्याय और मर्यादा के प्रतीक प्रभु श्रीराम के इस धरती पर अवतरण का स्मरण भी है।
भगवान श्रीराम का जन्म त्रेतायुग में अयोध्या के राजा दशरथ और माता कौशल्या के घर हुआ था। राजा दशरथ की कोई संतान नहीं थी, इसलिए उन्होंने पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया, जिससे उन्हें चार पुत्रों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ—श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न। श्रीराम भगवान विष्णु के सातवें अवतार थे, जिन्होंने धरती पर धर्म की स्थापना और अधर्म के नाश के लिए जन्म लिया।
राम नवमी का महत्व केवल श्रीराम के जन्म तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सत्य, धर्म और मर्यादा की स्थापना का संदेश भी देता है। इस दिन उपवास, रामचरितमानस पाठ, हवन, और भजन-कीर्तन के माध्यम से भक्त श्रीराम का आह्वान करते हैं।
श्रीराम की पूजा का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक महत्व
भगवान श्रीराम केवल एक देवता नहीं, बल्कि एक महान आदर्श भी हैं। उनकी पूजा करने से न केवल आध्यात्मिक उन्नति होती है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक शांति भी प्राप्त होती है।
मानसिक शांति और एकाग्रता – राम नाम का जाप करने से मन को शांति मिलती है और व्यक्ति की एकाग्रता बढ़ती है।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार – भगवान श्रीराम की पूजा से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और नकारात्मकता दूर होती है।
साहस और आत्मविश्वास – श्रीराम का जीवन हमें सिखाता है कि कठिनाइयों से डरना नहीं चाहिए, बल्कि धैर्य और साहस से उनका सामना करना चाहिए।
न्याय और कर्तव्यपरायणता – रामराज्य का आदर्श हमें यह सिखाता है कि जीवन में नैतिकता और कर्तव्यपरायणता कितनी महत्वपूर्ण है।
आज की दुनिया में जहां लोग अपने मूल्यों से भटक रहे हैं, वहां भगवान श्रीराम का जीवन हमें सही दिशा दिखाता है। उन्होंने अपने पूरे जीवन में धर्म, सत्य और कर्तव्य का पालन किया। चाहे वह वनवास हो, माता-पिता की सेवा हो, या रावण के खिलाफ धर्मयुद्ध—श्रीराम ने हमेशा सत्य का साथ दिया।
आज के समय में हमें भी श्रीराम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है:
परिवार के प्रति समर्पण – जैसे श्रीराम अपने माता-पिता और भाइयों के प्रति समर्पित थे, वैसे ही हमें भी अपने परिवार का सम्मान करना चाहिए।
धैर्य और सहनशीलता – कठिनाइयों का सामना बिना घबराए धैर्यपूर्वक करना चाहिए।
न्याय और सत्य का पालन – चाहे कोई भी परिस्थिति हो, हमें सत्य और न्याय का साथ देना चाहिए।
दूसरों की भलाई करना – भगवान श्रीराम ने सदैव दूसरों की भलाई के लिए कार्य किया, हमें भी इसी पथ पर चलना चाहिए।
विशेष:
यदि आप भी अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि चाहते हैं, तो Via Veda के माध्यम से श्रीराम लला के दुग्ध अभिषेक में भाग लें और अपने जीवन में श्रीराम की कृपा का अनुभव करें।
ऑनलाइन बुकिंग करें – आप अपनी ओर से यह पूजा करवाने के लिए बुकिंग कर सकते हैं।
दूध से अभिषेक – श्रीराम लला का शुद्ध गौ-दुग्ध से स्नान कराया जाएगा।
मंत्रोच्चार और संकीर्तन – वैदिक विधि से पूजा होगी, जिसमें श्रीराम के पावन मंत्रों का जाप किया जाएगा।
प्रसाद और वीडियो प्राप्त करें – पूजा पूर्ण होने के बाद आपको अभिषेक का वीडियो और प्रसाद प्राप्त होगा।
कहीं से भी जुड़ें और श्रीराम की कृपा प्राप्त करें – इस पूजा में भाग लेने के लिए अयोध्या जाने की आवश्यकता नहीं है, अब आप अपने घर से ही श्रीराम लला का आशीर्वाद पा सकते हैं।
अयोध्या केवल एक नगर नहीं, बल्कि सनातन धर्म की आत्मा है। यह भगवान श्रीराम की जन्मभूमि है और हिंदू धर्म के सात पवित्र मोक्षदायिनी स्थलों में से एक है। यहाँ आकर हर भक्त आध्यात्मिक ऊर्जा और श्रीराम की कृपा का अनुभव करता है।
अयोध्या का महत्व
भगवान श्रीराम का जन्मस्थान – श्रीराम ने इसी भूमि पर अवतार लिया और धर्म की पुनः स्थापना की।
रघुकुल की पवित्र भूमि – यह नगर राजा दशरथ और रघुकुल के सूर्यवंशी राजाओं की राजधानी था।
मोक्ष प्राप्ति का द्वार – अयोध्या को मोक्ष प्राप्ति के लिए सबसे श्रेष्ठ स्थानों में से एक माना जाता है।
धार्मिक स्थल – यहाँ श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, हनुमानगढ़ी, कनक भवन, सरयू नदी और अन्य पवित्र स्थल स्थित हैं।
सीता राम सदन, भगवान श्रीराम और माता सीता को समर्पित एक दिव्य मंदिर है। यहाँ श्रीराम लला के बाल रूप की विशेष पूजा होती है, जो भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी करने वाला माना जाता है।
मंदिर की विशेषताएँ:
यह मंदिर भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप (राम लला) को समर्पित है।
यहाँ प्रतिदिन महा आरती, विशेष पूजा और अभिषेक संपन्न होते हैं।
राम नवमी, हनुमान जयंती और अन्य शुभ अवसरों पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।
अब ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से भी अभिषेक करवाया जा सकता है।
Via Veda एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो आपको धार्मिक सेवाओं का लाभ उठाने का अवसर देता है। इसके माध्यम से आप गौसेवा, चढ़ावा सेवा, अन्नदान, और मंदिरों के पुनर्निर्माण में योगदान दे सकते हैं। साथ ही, आप अनुभवी ज्योतिषियों से परामर्श कर कुंडली, अंक ज्योतिष और वास्तु जैसी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
पूजा के दिन मानसिक और शारीरिक शुद्धता का ध्यान रखें, ब्रह्मचर्य का पालन करें और इष्टदेव का स्मरण करें। पूजा की प्रक्रिया के बारे में आपको पहले से सूचित किया जाएगा, और पूजा के बाद इसका रिकॉर्डेड वीडियो आपको भेजा जाएगा।
यदि आपको पूजा से संबंधित अधिक जानकारी चाहिए, तो आप Via Veda के कस्टमर सपोर्ट नंबर +91 96676 33379 पर संपर्क कर सकते हैं। हमारी टीम आपकी हर संभव सहायता के लिए तत्पर है।
Via Veda एक भरोसेमंद मंच है जो आपको घर बैठे पूजा करने का अवसर प्रदान करता है। आपकी पूजा बुकिंग के बाद, योग्य पुजारियों द्वारा शुभ मुहूर्त में अनुष्ठान संपन्न किया जाता है। इसके बाद, आपके दिए गए पते पर प्रसाद और पुजारी जी द्वारा आपके नाम और गोत्र से की गई पूजा का वीडियो आपके रजिस्टर्ड व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
पूजा बुक होने के बाद, हमारी टीम 24 घंटों के अंदर आपसे संपर्क करेगी और आपका नाम, गोत्र आदि की जानकारी लेगी। आप टीम से पूजा से जुड़ी अन्य जानकारियाँ भी प्राप्त कर सकते हैं।
ऑफलाइन और ऑनलाइन पूजा की प्रक्रिया में ज्यादा अंतर नहीं है। दोनों में ही पुजारी आपके नाम और गोत्र से अनुष्ठान करते हैं। अंतर यह है कि ऑफलाइन पूजा में आपको स्वयं मंदिर जाना पड़ता है, जबकि ऑनलाइन पूजा में आप घर बैठे यह सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। पूजा का रिकॉर्डेड वीडियो आपको बाद में भेज दिया जाएगा।
हाँ, Via Veda द्वारा करवाई गई पूजा के बाद आपको उसका रिकॉर्डेड वीडियो आपके दिए गए व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
चढ़ावा सेवा में आप भारत के प्राचीन मंदिरो, शक्तिपीठो में अपने नाम से चढ़ावा/ श्रृंगार/ भोग आदि अर्पित कर सकते है।