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कई बार मेहनत के बाद भी धन नहीं टिकता, कर्ज़ बढ़ता जाता है, या पैसा आते-आते रुक जाता है। इसका कारण कुंडली के दोष, वास्तु दोष या नकारात्मक ऊर्जा हो सकती है। यह पोटली उन अदृश्य बाधाओं को शांत करती है और धन प्रवाह को सुगम बनाती है।
जो लोग व्यापार कर रहे हैं, नौकरी में हैं, नई शुरुआत कर रहे हैं या आर्थिक असुरक्षा से जूझ रहे हैं — उनके लिए यह पोटली एक ऊर्जात्मक कवच बन जाती है, जो धन को आकर्षित करती है और अवसरों को जन्म देती है।
अगर कुंडली में धन योग कमजोर हैं या शनि-बृहस्पति का प्रभाव बाधाएं खड़ा कर रहा है, तो यह पोटली उस दोष को शांति देती है। क्योंकि इसमें प्रयुक्त यंत्र और सामग्री विशेष रूप से इन ग्रहों को संतुलित करने के लिए अभिमंत्रित की जाती हैं।
पोटली को घर के मंदिर, तिजोरी या व्यापार स्थल पर रखने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है। यह स्थिरता, शांति और शुभता लाती है – जो केवल धन की नहीं, जीवन की भी समृद्धि होती है।
यह कोई साधारण यंत्र या शोपीस नहीं, बल्कि एक ऊर्जामयी माध्यम है, जिसे आपके नाम, गोत्र और जन्म विवरण के साथ वैदिक यज्ञ में सिद्ध किया गया होता है। यह इसे व्यक्तिगत और प्रभावशाली बनाता है।
जो लोग निवेश में घाटा खा रहे हैं, या पैसे को रोक नहीं पा रहे — उनके लिए यह पोटली विशेष रूप से उपयोगी है। यह न केवल आय को बढ़ाती है, बल्कि बचत और धन संग्रह में भी मदद करती है।
क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों कुछ लोग लगातार समृद्धि की ओर बढ़ते हैं, जबकि कई लोग कठिन परिश्रम के बावजूद संघर्ष में रहते हैं?
वेदों में कहा गया है — “जहाँ श्रद्धा से यज्ञ होता है, वहाँ देवताओं का वास होता है।” श्री लक्ष्मी-कुबेर महायज्ञ ठीक वैसा ही एक विशेष वैदिक अनुष्ठान है, जो धन, स्थिरता और आध्यात्मिक उन्नति के लिए किया जाता है।
यह यज्ञ विशेष रूप से अक्षय तृतीया के दिन आयोजित होता है — वह तिथि जब समय स्वयं शुभ होता है, और किए गए हर शुभ कर्म का फल “अक्षय” यानी कभी न समाप्त होने वाला होता है। इस पावन दिन, लक्ष्मी (समृद्धि) और कुबेर (धन के संरक्षक) को समर्पित यज्ञ करना, जीवन की आर्थिक व आध्यात्मिक यात्रा को गहराई से प्रभावित करता है।
इस महायज्ञ में विशेष वैदिक आचार्यगण 108 विशिष्ट समिधाओं व मंत्रों के साथ हवन करते हैं, देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर का आवाहन कर आपके नाम से आहुतियाँ अर्पित की जाती हैं। साथ ही, भगवान शिव के रुद्ररूप का रुद्राभिषेक किया जाता है — जिससे आपके जीवन से ऋण, रोग, संघर्ष और बाधाएं समाप्त होने लगती हैं।
श्री लक्ष्मी-कुबेर धन पोटली – समृद्धि की शक्ति, आपके घर में दिव्य ऊर्जा और स्थायी सौभाग्य के साथ प्रवेश करती है
यह सिर्फ एक पोटली नहीं है, यह एक सिद्ध ऊर्जा केंद्र है।
जब वैदिक ब्राह्मण विशेष मंत्रों से आहुतियाँ अर्पित करते हैं, उसी यज्ञ की ऊर्जाओं को कुछ विशेष तांत्रिक और प्राकृतिक वस्तुओं में संचित किया जाता है – और इन सबको मिलाकर बनती है श्री लक्ष्मी कुबेर पोटली।
यह पोटली हर उस व्यक्ति के लिए है जो जीवन में आर्थिक स्थायित्व, मानसिक संतुलन और आध्यात्मिक सुरक्षा चाहता है। यह आपके घर की तिजोरी, मंदिर या व्यवसायिक स्थान पर रखी जा सकती है — और प्रतिदिन अपनी मौन ऊर्जा से आपके जीवन में शुभता भरती है।
क्या है इस पोटली में – और हर वस्तु का महत्व क्या है?
देवी लक्ष्मी के पवित्र चरणों का प्रतीक। इसे घर में रखने से लक्ष्मीजी का वास माना जाता है।
कुबेर की चाबी
यह कुंजी धन और संचित संपत्ति के द्वार खोलने की शक्ति रखती है। कुबेर जी के खजाने का तांत्रिक प्रतीक।
समृद्धि, ऐश्वर्य, शांति और सुख का प्रतीक। व्यापारिक स्थिरता और सौभाग्य के लिए लाभकारी।
तंत्र-मंत्र से रक्षा, बुरी नजर से मुक्ति और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने का शक्तिशाली साधन।
तांत्रिक दृष्टि से अत्यंत शक्तिशाली यंत्र। यह यंत्र धन की गति को खोलता है और बंधन हटाता है।
कछुआ
दीर्घायु, स्थिरता और आधार की ऊर्जा। वास्तु दोष निवारण और समृद्धि के लिए श्रेष्ठ।
ये सभी वैदिक पूजन में लक्ष्मी-कुबेर को प्रिय वस्तुएं हैं। यह पोटली में ऊर्जा संतुलन और सम्पन्नता का संयोजन लाती हैं।
यह पोटली विशेष क्यों है?
Via Veda द्वारा प्रदान की गई लक्ष्मी-कुबेर पोटली कोई साधारण आध्यात्मिक वस्तु नहीं है, यह एक व्यक्तिगत रूप से अभिमंत्रित शक्तिस्वरूपहै — जिसे आपके नाम, जन्म विवरण और गोत्र के अनुसार विशेष यज्ञ में सिद्ध किया जाता है।
यह पोटली सिर्फ ऊर्जा का संग्रह नहीं, बल्कि आपके जीवन पथ के साथ समन्वयित एक दिव्य अनुग्रह है। इसमें समाहित शक्तियां आपकी कुंडली, वर्तमान परिस्थितियों और कर्म दिशा को ध्यान में रखते हुए जागृत की जाती हैं, जिससे यह आपके लिए कार्यरत एक सजीव सुरक्षा कवच बन जाती है।
यह न केवल धन और समृद्धि का प्रतीक है, बल्कि समय के साथ यह पोटली आपके जीवन में संतुलन, स्थिरता और सकारात्मक परिवर्तन लाने लगती है। यह बाधाओं को शांत करती है, अवसरों को आकर्षित करती है, और आपको आर्थिक स्वतंत्रता के साथ-साथ आध्यात्मिक जागरूकताकी ओर अग्रसर करती है।
जागेश्वर कुबेर मंदिर – जहाँ देवताओं की ऊर्जा स्वयं प्रकट होती है
उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले में स्थित जागेश्वर धाम न सिर्फ़ एक प्राचीन मंदिर समूह है, बल्कि एक ऐसा दिव्य स्थल है जिसे ’ज्योतिर्लिंगों की घाटी’ भी कहा जाता है। यहाँ 125 से अधिक छोटे-बड़े मंदिर हैं, जिनमें से अधिकतर भगवान शिव को समर्पित हैं। लेकिन इन सबके बीच जो मंदिर सबसे दुर्लभ और शक्तिशाली माने जाते हैं, उनमें से एक है – कुबेर मंदिर।
घने देवदार और चीड के वृक्षों के बीच बसा यह मंदिर परिसर एक विशेष आध्यात्मिक कंपन (spiritual frequency) उत्पन्न करता है। कहा जाता है कि यहां की वायु में ही ‘मौन तप’ की शक्ति है – यानी ध्यान करने पर आत्मा सहज ही शिव-साक्षात्कार की ओर बढ़ती है। यही कारण है कि हजारों साधक, ऋषि-मुनि और तपस्वी इस क्षेत्र में साधना करने आते रहे हैं।
कुबेर मंदिर अपने आप में एक रहस्य और आध्यात्मिक चमत्कार है। कुबेर जी को देवताओं के कोषाध्यक्ष और धन-संपत्ति के अधिपति माना जाता है। भारत में ऐसे मंदिर बहुत कम हैं जो विशेष रूप से कुबेर जी को समर्पित हों – और जागेश्वर उनमें से एक है।
यहाँ पर लक्ष्मी-कुबेर पूजन का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि शिव, लक्ष्मी और कुबेर तीनों की संयुक्त उपस्थिति से यहाँ की ऊर्जा धन, स्थिरता, आध्यात्मिक उन्नति और भाग्य सुधार में अत्यंत सहायक बन जाती है।
मान्यता है कि इस क्षेत्र में स्वयं भगवान शिव ने वर्षों तक तप किया था और यही कारण है कि इस धाम को ’शिव की तपोभूमि’ भी कहा जाता है। यहीं के कुबेर मंदिर में किए गए यज्ञ और पूजा अनंतगुणा फलदायी मानी जाती हैं – यानी जो फल अन्य स्थानों पर वर्षों में प्राप्त हो, वह यहां कुछ दिनों में ही संभव होता है।
क्यों करें यहीं लक्ष्मी-कुबेर यज्ञ?
Via Veda एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो आपको धार्मिक सेवाओं का लाभ उठाने का अवसर देता है। इसके माध्यम से आप गौसेवा, चढ़ावा सेवा, अन्नदान, और मंदिरों के पुनर्निर्माण में योगदान दे सकते हैं। साथ ही, आप अनुभवी ज्योतिषियों से परामर्श कर कुंडली, अंक ज्योतिष और वास्तु जैसी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
पूजा के दिन मानसिक और शारीरिक शुद्धता का ध्यान रखें, ब्रह्मचर्य का पालन करें और इष्टदेव का स्मरण करें। पूजा की प्रक्रिया के बारे में आपको पहले से सूचित किया जाएगा, और पूजा के बाद इसका रिकॉर्डेड वीडियो आपको भेजा जाएगा।
यदि आपको पूजा से संबंधित अधिक जानकारी चाहिए, तो आप Via Veda के कस्टमर सपोर्ट नंबर +91 9667633379 पर संपर्क कर सकते हैं। हमारी टीम आपकी हर संभव सहायता के लिए तत्पर है।
Via Veda एक भरोसेमंद मंच है जो आपको घर बैठे पूजा करने का अवसर प्रदान करता है। आपकी पूजा बुकिंग के बाद, योग्य पुजारियों द्वारा शुभ मुहूर्त में अनुष्ठान संपन्न किया जाता है। इसके बाद, आपके दिए गए पते पर प्रसाद और पुजारी जी द्वारा आपके नाम और गोत्र से की गई पूजा का वीडियो आपके रजिस्टर्ड व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
पूजा बुक होने के बाद, हमारी टीम 24 घंटों के अंदर आपसे संपर्क करेगी और आपका नाम, गोत्र आदि की जानकारी लेगी। आप टीम से पूजा से जुड़ी अन्य जानकारियाँ भी प्राप्त कर सकते हैं।
ऑफलाइन और ऑनलाइन पूजा की प्रक्रिया में ज्यादा अंतर नहीं है। दोनों में ही पुजारी आपके नाम और गोत्र से अनुष्ठान करते हैं। अंतर यह है कि ऑफलाइन पूजा में आपको स्वयं मंदिर जाना पड़ता है, जबकि ऑनलाइन पूजा में आप घर बैठे यह सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। पूजा का रिकॉर्डेड वीडियो आपको बाद में भेज दिया जाएगा।
हाँ, Via Veda द्वारा करवाई गई पूजा के बाद आपको उसका रिकॉर्डेड वीडियो आपके दिए गए व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
चढ़ावा सेवा में आप भारत के प्राचीन मंदिरो, शक्तिपीठो में अपने नाम से चढ़ावा/ श्रृंगार/ भोग आदि अर्पित कर सकते है।