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चुनरी का अर्पण देवी की कृपा से दुर्भाग्य और ऊपरी दोषों का नाश करता है। यह अनुष्ठान आपके जीवन में नकारात्मक शक्तियों और दुर्भाग्य से सुरक्षा प्रदान करता है, जिससे आप जीवन में हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
इस अनुष्ठान से देवी दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो परिवार में शांति, सुख और समृद्धि लाता है। परिवार के सदस्यों के बीच आपसी प्रेम बढ़ता है और सभी की तरक्की के मार्ग प्रशस्त होते हैं।
देवी दुर्गा की कृपा से यह अनुष्ठान आपके कार्यक्षेत्र में सफलता दिलाने में सहायक होता है। चाहे वह नौकरी हो या व्यापार, देवी का आशीर्वाद आपके हर प्रयास को सफलता और समृद्धि तक पहुँचाता है।
देवी दुर्गा के प्रति नारियल अर्पित करने से जीवन में हर प्रकार की बाधा का अंत होता है। यह अनुष्ठान आपके मार्ग में आने वाली रुकावटों को दूर कर जीवन को सुखद और निर्बाध बनाता है।
देवी दुर्गा नारियल-चुनरी अर्पण एक प्राचीन और प्रभावशाली अनुष्ठान है जो देवी दुर्गा के श्रीचरणों में हमारी श्रद्धा और समर्पण को प्रकट करता है। यह अनुष्ठान विशेष रूप से उन भक्तों के लिए किया जाता है जो जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति, बाधाओं का नाश, और देवी की असीम कृपा प्राप्त करना चाहते हैं। नारियल देवी को समर्पित करने का अर्थ है हर प्रकार की रुकावट और नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करना, जबकि चुनरी देवी की दिव्य शक्ति और आशीर्वाद का प्रतीक है, जो हमारे जीवन में सौभाग्य, वैवाहिक सुख और समृद्धि लाती है।
इस अनुष्ठान से देवी दुर्गा की अनुकंपा प्राप्त होती है, जो न केवल ऊपरी बाधाओं को दूर करती है बल्कि हमारे जीवन में स्थिरता, शांति, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। यह अनुष्ठान हमारे मन, परिवार और संबंधों को देवी की शक्ति से संरक्षित करता है, जिससे हर क्षेत्र में सफलता और शांति का अनुभव होता है।
वाया वेदा द्वारा आयोजित इस पवित्र अनुष्ठान में आप अपने नाम और गोत्र के साथ श्रद्धापूर्वक भाग ले सकते हैं, आपकी मनोकामना संकल्प के साथ देवी दुर्गा के श्री चरणों में नारियल चुनरी को अर्पित किया जाएगा| देवी दुर्गा के इस अर्पण के माध्यम से, आप उनके दिव्य आशीर्वाद को प्राप्त कर सकते हैं, जो आपके जीवन को हर दृष्टि से शक्ति, सुरक्षा, और सौभाग्य से भर देता है।
मां भद्रकाली का मंदिर वाराणसी के कपसेठी क्षेत्र के सरावा गांव में स्थित है, जो भदोही, जौनपुर और वाराणसी जिलों के संगम पर स्थित है। यह प्राचीन मंदिर देवी काली के आठ स्वरूपों में से एक मां भद्रकाली को समर्पित है और इसका धार्मिक महत्व अत्यधिक है। यह मंदिर विशेष रूप से शनिवार के दिन श्रद्धालुओं से भरा रहता है, क्योंकि मान्यता है कि इस दिन मां भद्रकाली की पूजा करने से भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पौराणिक कथा और इतिहास:
भद्रकाली मंदिर का संबंध राजा भद्रसेन और उज्जैन के राजा विक्रमादित्य की पौराणिक कथाओं से जुड़ा है। कथा के अनुसार, राजा भद्रसेन ने मां भद्रकाली को प्रसन्न करने के लिए अपना सिर काटकर खौलते तेल की कड़ाही में डाल दिया। मां ने प्रसन्न होकर अमृत छिड़का और राजा को पुनर्जीवित किया। यह देखकर उज्जैन के राजा विक्रमादित्य, जो उस समय काशी में अपनी पहचान छिपाकर रह रहे थे, उन्होंने भी देवी की आराधना में अपना सिर अर्पित किया। मां भद्रकाली ने विक्रमादित्य को भी जीवनदान दिया और उन्हें उनके श्राप से मुक्ति मिली।
यह घटना इस मंदिर की महिमा को और भी बढ़ाती है, और मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से यहां पूजा करता है, उसके जीवन की सभी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं।
मंदिर का धार्मिक महत्व:
भद्रकाली मंदिर को काशी क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण तांत्रिक शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। यहां विशेष रूप से शनिवार के दिन पूजा-अर्चना का अत्यधिक महत्व है। मां भद्रकाली को प्रसन्न करने के लिए भक्त यहां आकर अपने दुखों और समस्याओं से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं। खासकर नवरात्रि के समय, यहां भक्तों का भारी जमावड़ा होता है और विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।
Via Veda एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो आपको धार्मिक सेवाओं का लाभ उठाने का अवसर देता है। इसके माध्यम से आप गौसेवा, अन्नदान, और मंदिरों के पुनर्निर्माण में योगदान दे सकते हैं। साथ ही, आप अनुभवी ज्योतिषियों से परामर्श कर कुंडली, अंक ज्योतिष और वास्तु जैसी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
पूजा के दिन मानसिक और शारीरिक शुद्धता का ध्यान रखें, ब्रह्मचर्य का पालन करें और इष्टदेव का स्मरण करें। पूजा की प्रक्रिया के बारे में आपको पहले से सूचित किया जाएगा, और पूजा के बाद इसका रिकॉर्डेड वीडियो आपको भेजा जाएगा।
यदि आपको पूजा से संबंधित अधिक जानकारी चाहिए, तो आप Via Veda के कस्टमर सपोर्ट नंबर +91 98109 86076 पर संपर्क कर सकते हैं। हमारी टीम आपकी हर संभव सहायता के लिए तत्पर है।
Via Veda एक भरोसेमंद मंच है जो आपको घर बैठे पूजा करने का अवसर प्रदान करता है। आपकी पूजा बुकिंग के बाद, योग्य पुजारियों द्वारा शुभ मुहूर्त में अनुष्ठान संपन्न किया जाता है। इसके बाद, आपके दिए गए पते पर प्रसाद और पुजारी जी द्वारा आपके नाम और गोत्र से की गई पूजा का वीडियो आपके रजिस्टर्ड व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
पूजा बुक होने के बाद, हमारी टीम 24 घंटों के अंदर आपसे संपर्क करेगी और आपका नाम, गोत्र आदि की जानकारी लेगी। आप टीम से पूजा से जुड़ी अन्य जानकारियाँ भी प्राप्त कर सकते हैं।
ऑफलाइन और ऑनलाइन पूजा की प्रक्रिया में ज्यादा अंतर नहीं है। दोनों में ही पुजारी आपके नाम और गोत्र से अनुष्ठान करते हैं। अंतर यह है कि ऑफलाइन पूजा में आपको स्वयं मंदिर जाना पड़ता है, जबकि ऑनलाइन पूजा में आप घर बैठे यह सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। पूजा का रिकॉर्डेड वीडियो आपको बाद में भेज दिया जाएगा।
हाँ, Via Veda द्वारा करवाई गई पूजा के बाद आपको उसका रिकॉर्डेड वीडियो आपके दिए गए व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।