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सत्यनारायण पूजा और हवन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए है, जो आर्थिक संकट, कर्ज, या वित्तीय अस्थिरता से जूझ रहे हैं। यह पूजा केवल धन का प्रवाह बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आपको वित्तीय स्थिरता का वह आशीर्वाद देती है, जो आपके जीवन को समृद्ध और संतुलित बनाता है। हर बार जब यह अनुष्ठान होता है, तो यह भक्त को धन की बरकत, कर्ज से मुक्ति, और मनोकामनाओं की पूर्ति का मार्ग दिखाता है। यह भगवान विष्णु की कृपा का अद्भुत प्रमाण है।
सत्यनारायण पूजा आपके जीवन में उस स्थिरता और संतुलन को लाती है, जो आपको सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करती है। यह अनुष्ठान हर बार आपके करियर में उन्नति, व्यवसाय में सफलता, और जीवन में स्थायित्व का आशीर्वाद प्रदान करता है। यह पूजा न केवल बाधाओं को दूर करती है, बल्कि आपके प्रयासों को भी सफल बनाती है। भगवान विष्णु की कृपा से यह पूजा आपके जीवन को संतुलित और मज़बूत बनाती है।
सत्यनारायण पूजा और हवन पूरे परिवार के लिए एक ऐसा आशीर्वाद है, जो प्रेम, एकता, और सौहार्द का संचार करता है। यह पूजा हर बार परिवार को उन दैवीय शक्तियों से जोड़ती है, जो अखंड सौभाग्य और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती हैं। यह अनुष्ठान आपके घर को नकारात्मक शक्तियों से मुक्त कर उसे सुख और शांति का एक ऐसा केंद्र बनाता है, जो पीढ़ियों तक बना रहता है।
सत्यनारायण कथा और हवन का प्रभाव इतना गहन है कि इसे हजारों वर्षों तक किए गए यज्ञों के बराबर माना गया है। हर बार जब यह अनुष्ठान होता है, तो यह भक्त के जीवन से उन पापों को समाप्त कर देता है, जो वर्षों से उसके जीवन में दुख और कष्ट का कारण बने हुए थे। यह पूजा न केवल भक्त के जीवन को पवित्र करती है, बल्कि उसे उस दिव्यता से जोड़ती है, जो भगवान विष्णु की कृपा से हर असंभव कार्य को संभव बना सकती है। यह वह पुण्य है, जो केवल ईश्वर की असीम कृपा से प्राप्त होता है।
आदि केशव मंदिर, काशी में संपन्न होने वाली सत्यनारायण कथा और हवन पूजा केवल एक अनुष्ठान नहीं, बल्कि वह आध्यात्मिक शक्ति है, जो आपके जीवन को कष्टों, पापों, और असफलताओं से मुक्त कर भगवान विष्णु की अनंत कृपा से भर देती है। यह पूजा हर उस आत्मा का उद्धार करती है, जो जीवन में शांति, सफलता, और मोक्ष की तलाश में है। जब संसार की कठिनाइयां आपको घेर लेती हैं, और हर प्रयास असफल हो जाता है, तब भगवान विष्णु का आह्वान ही वह शक्ति है, जो असंभव को संभव बनाता है। यह पूजा जीवन के हर संकट को समाप्त करती है और आपके भीतर ऐसी ऊर्जा का संचार करती है, जिससे आप हर बाधा पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।
यह अनुष्ठान विशेष रूप से उन लोगों के लिए है, जो आर्थिक संकट, पारिवारिक कलह, रुके हुए कार्य, और मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं। यह न केवल पापों का नाश करता है, बल्कि आत्मा को पवित्र कर उसे परम सत्य और मोक्ष के मार्ग पर अग्रसर करता है। पूजा की दिव्य प्रक्रिया: संकल्प और मंत्रोच्चार: पूजा की शुरुआत भक्त के नाम और गोत्र के साथ संकल्प लेकर होती है। यह संकल्प भगवान विष्णु के साथ आपके आध्यात्मिक संबंध को स्थापित करता है। वैदिक मंत्रों के उच्चारण से ऐसा लगता है जैसे पूरा वातावरण भगवान की कृपा और शक्ति से भर गया हो। पवित्र सामग्री का उपयोग: पूजा में उपयोग की जाने वाली सामग्री न केवल शारीरिक बल्कि आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक है: गंगाजल और तुलसी: भगवान विष्णु के चरणों की पवित्रता का आह्वान। फल, पंचामृत और मिठाई: भक्त के समर्पण का प्रतीक। चंदन, कुमकुम और अक्षत: आशीर्वाद और सौभाग्य के प्रतीक। धूप और दीप: हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने वाले। सत्यनारायण कथा: पूजा का मुख्य भाग भगवान विष्णु की कथा है। कथा का हर शब्द आपकी आत्मा को शुद्ध करता है और आपको भगवान के अनंत सत्य और कृपा से जोड़ता है। यह कथा न केवल भक्त के कष्टों का नाश करती है, बल्कि उसे जीवन में अद्भुत शांति और सकारात्मकता प्रदान करती है। हवन: पूजा के अंत में हवन का आयोजन किया जाता है। वैदिक मंत्रों के साथ आहुति दी जाती है, जो न केवल वातावरण को शुद्ध करती है, बल्कि भक्त के जीवन से हर प्रकार की नकारात्मकता को समाप्त कर देती है। पवित्र प्रसाद: पूजा के अंत में भगवान विष्णु का आशीर्वाद स्वरूप पवित्र प्रसाद भक्तों को प्रदान किया जाता है। यह प्रसाद न केवल भक्त के जीवन में सौभाग्य और समृद्धि का संचार करता है, बल्कि उसे आध्यात्मिक उन्नति का अनुभव कराता है। दिव्यता का अनुभव: यह पूजा हर बाधा को समाप्त कर भक्त को ऐसी शक्ति प्रदान करती है, जिससे वह अपने जीवन की हर समस्या को समाप्त कर सके। भगवान विष्णु की यह कृपा जीवन को सकारात्मकता, समृद्धि, और सौभाग्य से भर देती है। सत्यनारायण कथा और हवन पूजा वह दिव्य माध्यम है, जो भगवान विष्णु की कृपा से आपके जीवन को कष्टों से मुक्त कर सफलता और शांति से भर देता है। यह पूजा हर बाधा को समाप्त कर आपको एक नई ऊर्जा, नई दिशा, और नए जीवन का आशीर्वाद देती है। वाया वेदा द्वारा वैदिक परंपराओं और मंत्रों के साथ संपन्न यह अनुष्ठान आपके जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन लाने का दिव्य अवसर है। “यह केवल पूजा नहीं, बल्कि जीवन का पुनर्जन्म है।”
प्राचीन आदि केशव मंदिर, काशी: भगवान विष्णु के चरणों का पहला स्पर्श काशी, जो अपने आध्यात्मिक महत्व और प्राचीन धरोहरों के लिए विश्वप्रसिद्ध है, उस पवित्र नगरी में गंगा और वरुणा नदियों के संगम पर स्थित है प्राचीन आदि केशव मंदिर। यह स्थान केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक ऐसा दिव्य धाम है, जहां भगवान विष्णु ने पहली बार काशी में कदम रखा। ‘आदि’ का अर्थ है प्रारंभ और ‘केशव’ भगवान विष्णु का वह स्वरूप है, जो अनादि और अनंत हैं।
पौराणिक कथा: भगवान विष्णु का काशी में आगमन पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान शिव ने काशी को छोड़ मंदराचल पर्वत पर निवास किया, तो काशी की पवित्रता बनाए रखने के लिए भगवान विष्णु ने यहां पदार्पण किया। उन्होंने इस भूमि को अपने चरणों से पवित्र करते हुए ‘आदि केशव’ के रूप में स्थापित किया। यह वही स्थान है, जहां भगवान ने राजा दिवोदास को पराजित कर धर्म का पुनः स्थापना की। तब भगवान विष्णु ने काशी में प्रवेश किया। मंदिर का स्थापत्य और दिव्यता आदि केशव मंदिर की वास्तुकला भारतीय परंपरा की अनूठी कृति है। यहां स्थापित भगवान विष्णु की मूर्ति को स्वयं उनके द्वारा निर्मित माना जाता है। इस मंदिर के गर्भगृह में स्थित ‘आदि केशव-संगमेश्वर’ लिंग चार मुख वाले स्वरूप में विद्यमान है, जो भगवान विष्णु और शिव की एकता का प्रतीक है। मंदिर का शांत और दिव्य वातावरण इसे ध्यान, साधना और आत्मिक ऊर्जा के लिए उपयुक्त बनाता है। इसकी प्राचीन दीवारें और शिल्पकला उस युग की गवाही देती हैं, जब धर्म और संस्कृति का उदय हुआ था। इतिहास का संघर्ष और पुनर्निर्माण इतिहास के पन्नों में यह मंदिर कई उतार-चढ़ाव का साक्षी रहा है। 1194 ईस्वी में कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा इसे नष्ट कर दिया गया। लेकिन यह दिव्य स्थल नष्ट होने के बाद भी मिट नहीं पाया। ग्वालियर राज्य के माधव सिंधिया ने इसका पुनर्निर्माण करवाकर इसे इसकी पूर्व गरिमा में पुनः स्थापित किया। आज यह मंदिर भारतीय संस्कृति और सहनशीलता का जीवंत प्रतीक है। आध्यात्मिक महत्व और भक्तों की आस्था आदि केशव मंदिर काशी के पंचतीर्थों में से एक है। यहां स्नान और पूजा करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु यहां भगवान विष्णु की आराधना करता है, उसके सभी पाप धुल जाते हैं और उसे जीवन में अद्भुत शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। गंगा और वरुणा नदियों के संगम पर स्थित ‘आदि केशव घाट’ इस मंदिर का अभिन्न हिस्सा है। यह स्थान धार्मिक अनुष्ठानों और स्नान के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है। यहां की दिव्यता भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति प्रदान करती है। मंदिर का समय और पहुंचने का मार्ग आदि केशव मंदिर, वाराणसी के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। यह मंदिर प्रातः 6:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और सायं 4:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक खुला रहता है। यह स्थान वाराणसी के किसी भी हिस्से से आसानी से पहुंचा जा सकता है। दिव्यता का अनुभव आदि केशव मंदिर केवल एक स्थान नहीं, बल्कि वह धरोहर है जहां हर ईंट भगवान विष्णु की असीम कृपा की गवाही देती है। यहां आने वाले भक्त न केवल आध्यात्मिक शांति का अनुभव करते हैं, बल्कि अपनी आत्मा को पवित्र करने और अपने जीवन को नया मार्ग देने का अवसर प्राप्त करते हैं। यह मंदिर उन सबके लिए एक संदेश है कि काशी न केवल भगवान शिव की भूमि है, बल्कि यह भगवान विष्णु के दिव्य चरणों से भी सजी है। प्राचीन आदि केशव मंदिर हर भक्त के लिए वह द्वार है, जो उसे मोक्ष और परम आनंद की ओर ले जाता है। “जो भी इस पवित्र स्थान पर कदम रखता है, वह न केवल अपने पापों से मुक्त होता है, बल्कि भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में अनंत सौभाग्य और शांति प्राप्त करता है।
Via Veda एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो आपको धार्मिक सेवाओं का लाभ उठाने का अवसर देता है। इसके माध्यम से आप गौसेवा, चढ़ावा सेवा, अन्नदान, और मंदिरों के पुनर्निर्माण में योगदान दे सकते हैं। साथ ही, आप अनुभवी ज्योतिषियों से परामर्श कर कुंडली, अंक ज्योतिष और वास्तु जैसी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
पूजा के दिन मानसिक और शारीरिक शुद्धता का ध्यान रखें, ब्रह्मचर्य का पालन करें और इष्टदेव का स्मरण करें। पूजा की प्रक्रिया के बारे में आपको पहले से सूचित किया जाएगा, और पूजा के बाद इसका रिकॉर्डेड वीडियो आपको भेजा जाएगा।
यदि आपको पूजा से संबंधित अधिक जानकारी चाहिए, तो आप Via Veda के कस्टमर सपोर्ट नंबर +91 9667633379 पर संपर्क कर सकते हैं। हमारी टीम आपकी हर संभव सहायता के लिए तत्पर है।
Via Veda एक भरोसेमंद मंच है जो आपको घर बैठे पूजा करने का अवसर प्रदान करता है। आपकी पूजा बुकिंग के बाद, योग्य पुजारियों द्वारा शुभ मुहूर्त में अनुष्ठान संपन्न किया जाता है। इसके बाद, आपके दिए गए पते पर प्रसाद और पुजारी जी द्वारा आपके नाम और गोत्र से की गई पूजा का वीडियो आपके रजिस्टर्ड व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
पूजा बुक होने के बाद, हमारी टीम 24 घंटों के अंदर आपसे संपर्क करेगी और आपका नाम, गोत्र आदि की जानकारी लेगी। आप टीम से पूजा से जुड़ी अन्य जानकारियाँ भी प्राप्त कर सकते हैं।
ऑफलाइन और ऑनलाइन पूजा की प्रक्रिया में ज्यादा अंतर नहीं है। दोनों में ही पुजारी आपके नाम और गोत्र से अनुष्ठान करते हैं। अंतर यह है कि ऑफलाइन पूजा में आपको स्वयं मंदिर जाना पड़ता है, जबकि ऑनलाइन पूजा में आप घर बैठे यह सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। पूजा का रिकॉर्डेड वीडियो आपको बाद में भेज दिया जाएगा।
हाँ, Via Veda द्वारा करवाई गई पूजा के बाद आपको उसका रिकॉर्डेड वीडियो आपके दिए गए व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
चढ़ावा सेवा में आप भारत के प्राचीन मंदिरो, शक्तिपीठो में अपने नाम से चढ़ावा/ श्रृंगार/ भोग आदि अर्पित कर सकते है।