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यशोदा नंदन धाम, वृंदावन—वह पावन भूमि जहाँ हर पत्थर बाल गोपाल की किलकारियों से गूंजता है, और हर हवा में माँ यशोदा का वात्सल्य समाया है।
यहाँ जन्माष्टमी के पावन अवसर पर आयोजित की जाती है जनमाष्टमी चढ़ावा सेवा, जो लड्डू गोपाल को अर्पित एक विशेष प्रेममयी भक्ति है।
जब शब्द भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाते, जब इच्छाएं श्रीकृष्ण की शरण में विश्राम पाती हैं—तब यह चढ़ावा सेवा भक्त और भगवान के बीच एक पवित्र सेतु बन जाती है।
इस सेवा के दौरान, बाल गोपाल को अर्पित किए जाते हैं वे सभी प्रिय चढ़ावे—माखन-मिश्री, लड्डू, बांसुरी, तुलसी और मोर पंख—जो उन्हें वृंदावन में अत्यंत प्रिय थे। प्रत्येक अर्पण को आपके नाम से, विधिपूर्वक अर्पित किया जाता है।
🪔 क्यों करें जन्माष्टमी पर चढ़ावा सेवा?
🔹 मनोकामना पूर्ति, सुख-शांति व समृद्धि हेतु।
🔹 हर चढ़ावा विशेष रूप से श्रीकृष्ण को प्रसन्न करता है, और बाधाओं को दूर करता है।
🔹 यह सेवा एक गहरी आत्मिक अनुभूति देती है, जिससे हृदय में बाल भाव, श्रद्धा और आनंद की अनुभूति होती है।
🌸 इस चढ़ावा सेवा की विशेषताएं:
✔️ अनुभवी आचार्यों द्वारा वैदिक मंत्रों के साथ सेवा।
✔️ आपके नाम और गोत्र के अनुसार चढ़ावे की अर्पण प्रक्रिया।
✔️ वृंदावन की पावन भूमि पर—माँ यशोदा और कृष्ण के निवास स्थल पर।
✔️ जन्माष्टमी जैसे शुभ मुहूर्त में—जब श्रीकृष्ण का आशीर्वाद सर्वाधिक प्रभावकारी होता है।
यह केवल एक अनुष्ठान नहीं, यह लड्डू गोपाल के चरणों में आपका व्यक्तिगत प्रेम अर्पण है।
आज ही "Via Veda" के माध्यम से बुक करें यह विशेष चढ़ावा सेवा, और अपने जीवन में आमंत्रित करें बाल गोपाल की कृपा और आनंद।
यशोदा नंदन धाम—वह दिव्य व चमत्कारी स्थान है, जहाँ माँ यशोदा हर स्त्री को मातृत्व का वरदान देती हैं।
वृंदावन, वह पावन भूमि है जहाँ श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं आज भी जीवंत हैं।
इसी भूमि पर स्थित है—"यशोदा नंदन धाम", वह स्थल जहाँ माँ यशोदा का वात्सल्य आज भी निःसंतान दंपत्तियों की गोद भरता है।
माँ यशोदा जानती हैं उन माताओं का दर्द जिनके घर में बच्चों की किलकारी नहीं है।
वे स्वयं श्रीकृष्ण को जन्म न देकर भी उनका पालन-पोषण कर सकीं, और फिर अपने पुत्र के वियोग का दुःख भी सहा।
इसलिए माँ यशोदा आज भी किसी की गोद खाली नहीं रहने देतीं।
जो भी युगल इस पावन धाम में आकर श्रद्धा से पूजा करता है, उनकी गोद अवश्य भरती है।
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